भिनसरहा हो गय हे भैया जागव उठव करव अब काम
देश तरक्की करही लेकिन जन - जन ल जागे बर परही ।
सबके हित म मोरो हित हे सब झन ल एही समझना हे
दुनियॉ हर परिवार ए हमरे जन - जन ल जाने बर परही ।
महतारी के मान बढाबो करबो देश के हित म काम
तभे देश हर आघू बढही जन - जन ल जागे बर परही ।
अपन - बिरान ल छोडव भाई सब के हित म बुता करव
तभे हमर तकदीर सँवरही जन - जन ल जागे बर परही ।
भारत ऋषि - मुनि के धरती ए दुनियॉ भर ल पाठ पढाथे
दुनियॉ फेर निहारत हावय जन - जन ल जागे बर परही ।
देश तरक्की करही लेकिन जन - जन ल जागे बर परही ।
सबके हित म मोरो हित हे सब झन ल एही समझना हे
दुनियॉ हर परिवार ए हमरे जन - जन ल जाने बर परही ।
महतारी के मान बढाबो करबो देश के हित म काम
तभे देश हर आघू बढही जन - जन ल जागे बर परही ।
अपन - बिरान ल छोडव भाई सब के हित म बुता करव
तभे हमर तकदीर सँवरही जन - जन ल जागे बर परही ।
भारत ऋषि - मुनि के धरती ए दुनियॉ भर ल पाठ पढाथे
दुनियॉ फेर निहारत हावय जन - जन ल जागे बर परही ।
नोनी हर रमजावत हावय
कतका गुन ल धरे पेट म हर नोनी ह अकुलावत हावय
देश तरक्की पातिस लेकिन नोनी ह रमजावत हावय ।
नोनी चन्दन के लकरी कस महर - महर मम्हावत हे
गुन के कोनो कदर कहॉ हे नोनी ह रमजावत हावय ।
वोकर - गुन ह अवगुन बन गे जेकर लाठी तेकर भैंस
घर म राक्षस बइठे हावय नोनी ह रमजावत हावय ।
हिंसा ले नोनी नइ बॉहचय अइसे निरदई हमर समाज
नोनी - कती कहूँ नइ बोलयँ नोनी ह रमजावत हावय ।
वोकर जिनगी गिरवी हावय कम्प्यूटर कस बौरावत हे
वोकर जिन्दगी वोकर नोहय नोनी ह रमजावत हावय ।
Sabo noni aagoo badat havayn, Ķoi noni ramjavat naiyn. Madam! apan soch la badalo. Kaushik Ganesh
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