कोइली के सुन के कुहुक रे आ जा राजा गॉव - डहर आ जा
रुमझुम ले सजे हावय गॉव रे देख ले तयँ एक नज़र राजा ।
नथनी बलावै बिंदिया बलावै झझकत हे झुमका के झूल रे
आ जा राजा गॉव डहर आ जा रुमझुम ले सजे हावै गॉव रे
देख ले तैं एक नज़र राजा ।
संगी - सहेली मन गॉव म नइयें चल दे हें अपन ससुरार रे
आ जा राजा गॉव दहर आ जा रुमझुम ले सजे हावै गॉव रे
देख ले तैं एक नजर राजा ।
संगी तहीं अस जनम-जनम के तोर बिना सूना - संसार रे
आ जा राजा गॉव डहर आ जा रुमझुम ले सजे हावै गॉव रे
देख ले तैं एक नजर राजा ।
ढाबा - भरे हे तरिया - भरे हे आ गए हे आमा म मौर रे
आ जा राजा गॉव डहर आ जा रुमझुम ले सजे हावै गॉव रे
देख ले तैं एक नज़र राजा ।
बाइस
रुमझुम ले सजे हावय गॉव रे देख ले तयँ एक नज़र राजा ।
नथनी बलावै बिंदिया बलावै झझकत हे झुमका के झूल रे
आ जा राजा गॉव डहर आ जा रुमझुम ले सजे हावै गॉव रे
देख ले तैं एक नज़र राजा ।
संगी - सहेली मन गॉव म नइयें चल दे हें अपन ससुरार रे
आ जा राजा गॉव दहर आ जा रुमझुम ले सजे हावै गॉव रे
देख ले तैं एक नजर राजा ।
संगी तहीं अस जनम-जनम के तोर बिना सूना - संसार रे
आ जा राजा गॉव डहर आ जा रुमझुम ले सजे हावै गॉव रे
देख ले तैं एक नजर राजा ।
ढाबा - भरे हे तरिया - भरे हे आ गए हे आमा म मौर रे
आ जा राजा गॉव डहर आ जा रुमझुम ले सजे हावै गॉव रे
देख ले तैं एक नज़र राजा ।
बाइस
होरी
संग भाई लखन के राम हो राम - लला
जीत - लिहिस गढ लंका ल ।
जीत लिहिस गढ लंका ल रामलला
जीत - लिहिस गढ लंका ल ।
भाई - विभीषण राम के संग हे
ठाढे हे मूड ल नवाए हो रामलला
जीत - लिहिस गढ लंका ल ।
जीत - लिहिस गढ लंका ल रामलला
जीत - लिहिस गढ लंका ल ।
संग - भाई लखन के राम हो रामलला
जीत - लिहिस गढ लंका ल ।
पुष्पक म बइठे अजोध्या आइन
पहुँचिन दसरहा के दिन हो रामलला
जीत - लिहिस गढ लंका ल ।
जीत - लिहिस गढ लंका ल रामलला
जीत लिहिस गढ लंका ल ।
संग - भाई लखन के राम हो रामलला
जीत लिहिस गढ लंका ल ।
तेइस
फुगडी
पँचवा खेलबो नून खेलबो खेलबो फुगडिया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
फुगडी हर नँदावत हावै सुन ले ओ ननंदिया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
नोनी बने पढ ले तयँ छोंड - घर - घुँदिया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
पुरखा - मन के जस बाढय होम कर रंधइया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
गॉव के गली म आ जा गीत गा गवइया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
पानी गिरत हावय तयँ हर रॉध - रमकेरिया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
कइसन सुघ्घर दिखत हावय फूले हे चिरैया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
बेटी ल बचावव बबा सब्बो बड - बोलिया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
मुनगा - भाजी दे न ओदे माढे हावै मलिया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
आ जा बासी खाबो एदे भाजी हे चुनचुनिया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
तस्मै ल जुडो दे नोनी लानथौं- थरकुलिया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
शबरी के पुरखा मन ल कहिथें - शबरिया
आबे - आबे नान - बाई मचे हे फुगडिया ।
चौबीस
हाट
जाबो कोसला के हाट हमुँ जाबो बहुत मजा आही न
सिध्द- बावा के दर्शन पाबो मन मैल हर धोवाही न ।
कोसला हर मइके ए कौशल्या - दायी के
कौशल्या - दायी के कौशल्या - दायी के ।
राम - जी के नाव ल सुमर के ए चोला तर जाही न
जाबो कोसला के हाट हमुँ जाबो बहुत मजा आही न ।
कोसला वृन्दावन कोसला अवध ए
कोसला अवध ए कोसला अवध ए ।
इहॉ माटी के चन्दन लगाबो सद् - गति तहॉ पाबो न
जाबो कोसला के हाट हमुँ जाबो बहुत मजा आही न ।
पच्चीस
कोसला हर मइके ए कौशल्या - दायी के
कौशल्या - दायी के कौशल्या - दायी के ।
राम - जी के नाव ल सुमर के ए चोला तर जाही न
जाबो कोसला के हाट हमुँ जाबो बहुत मजा आही न ।
कोसला वृन्दावन कोसला अवध ए
कोसला अवध ए कोसला अवध ए ।
इहॉ माटी के चन्दन लगाबो सद् - गति तहॉ पाबो न
जाबो कोसला के हाट हमुँ जाबो बहुत मजा आही न ।
पच्चीस
गारी - गीत
धीर - लगा के खावव समधी लडुआ भागत नइये जी
चपर - चपर मुँह बाजत हावय अँचो लेवव अब भइगे जी ।
केरा - आलू - साग ल समधी कइसन खावत - हावव जी
समधिन कभु खवाए नइये तइसन खावत - हावव जी ।
हँडिया भर - भर खावत - हावय कइसन ररहा हावय जी
गारी सुनत - सुनत खावत हे कइसन निरलज हावय जी ।
लाईबरी कभु देखे नइ अव तइसन खावत हावव जी
नइ भागत ए लाईबरी हर धीर लगा के खावव - जी ।
गुड के पपची बहुत मिठावत हावय तुहँला समधी जी
झउहा भर - भर खा के हॉसत - भागत हावय समधी जी ।
छब्बीस
देवारी
दिया बार लेवव संगी देवारी आ गे अब तो दिया बार लेवव
दिया बार लेवव संगी सुरहुत्ती आगे अब तो दिया बार लेवव ।
धन - तेरस के दिन पिसान के तेरह दिया बनावव
अंगना - दुवार म दिया बार के घर ल फेर उजियारव ।
बडे - बिहिनिया गऊ - दायी ल सबो दिया ल खवावव
दिया बार लेवव
चौदस के दिन फेर पिसान के चौदह दिया बनावव
घर - दुवारी के बाहिर म फेर सबो दिया ल बारव ।
जम - भगवान के पूजा कर लव अर्पित करके आवव
दिया बार लेवव
अमावस के दिया बार के सब घर ल उजियारव
गॉव के मन्दिर - देवालय म दिया बार के आवव ।
लक्ष्मी - दायी के पूजा कर लव काली देवी ल ध्यावव
दिया बार लेवव
सत्ताइस
बिहाव - गीत
सिया - राम के होवत हे बिहाव गौरी - गनेश बेगि आवव
शुभ - शुभ होही सब काज गौरी - गनेश बेगि - आवव ।
मडवा म पहिली बॉस - पूजा होही कइना ल हँथवा धराव
गौरी - गनेश बेगि आवव
चूल - माटी जाबो माटी ल लानबो माटी के मान बढाव
गौरी - गनेश बेगि आवव
पाणिग्रहन के बेरा होवत हे सुआसीन - मंगल - गाव
गौरी - गनेश बेगि आवव
वर - कइना ल असीस देवव सब आघू ले तुम दूनो- आव
गौरी - गनेश बेगि आवव
हरियर हे मँडवा हरियर हे मनवा हरियर जिनगी ल बनाव
गौरी - गनेश बेगि आवव
अट्ठाइस
सुवा - गीत
नाना रे नाना मोर नहना रे ना ना
के कब आही राम के राज
हो सुवना कब आही राम के राज ?
अँधरा - जुग म कतेक दिन जीबो
कब पाबो सुख के सुराज
रे सुवना कब पाबो सुख के सुराज ?
कब मोर मनखे ह दारू ल छोंडही
के कब खाबो हम दार अऊ भात
रे सुवना कब खाबो हम दार - भात ?
कब मोर नोनी मदरसा म पढही
छुछिंद - सुतिहवँ कब रात
रे सुवना छुछिंद - सुतिहवँ कब रात ?
नक्सल चगलत हे छत्तीसगढ ल
के रक्षा करव महाबीर
रे सुवना रक्षा करव महाबीर ।
छत्तीसगढ ल सबला बना दव
के कहूँ झन हरे पावयँ - चीर
रे सुवना कहूँ झन हरे पावयँ चीर ।
ओनतिस
कब मोर मनखे ह दारू ल छोंडही
के कब खाबो हम दार अऊ भात
रे सुवना कब खाबो हम दार - भात ?
कब मोर नोनी मदरसा म पढही
छुछिंद - सुतिहवँ कब रात
रे सुवना छुछिंद - सुतिहवँ कब रात ?
नक्सल चगलत हे छत्तीसगढ ल
के रक्षा करव महाबीर
रे सुवना रक्षा करव महाबीर ।
छत्तीसगढ ल सबला बना दव
के कहूँ झन हरे पावयँ - चीर
रे सुवना कहूँ झन हरे पावयँ चीर ।
ओनतिस
करमा
जीव लागत हे तोर बर संगी
आ जाते थोरिक नरवा के पार ।
घ न न न घ न न न न न न
त र र र त र र र र र ।
बासी - चटनी धर के आहवँ - दुनों झन - खाबो
सून्ना रइही नरवा - खाल्हे मया - पीरा गोठियाबो ।
जीव - लागत हे तोर बर संगी
थोरिक आ जाते नरवा के पार
घ न न न घ न न न न न न
त र र र त र र र र र ।
अभी आबे मैना तव तोर हो जाही बदनामी
बिहाव होही असीस दीहीं सबो देवता धामी ।
जिनगी के हावय दिन - चार
कइसे आववँ नरवा के पार ?
घ न न न घ न न न न न न
त र र र त र र र र र ।
तीस
नाचा
मोला सुरता आवत हे तोर
मन हरहा हो गय हे मोर ।
मीठ - मीठ गोठिया के हँसी- ठट्ठा म भुलवार के
तयँ ह लूट लेहे मन ल मोर
संगी थोरकन तो मोला अगोर ।
मोला सुरता आवत हे तोर
बही थोरकन तो मोला अगोर ।
बइहा हो गय हवँ सुरता म तोर
मन हरहा हो गय हे मोर ।
प प ग ग ग रे रे सा रे ग रे
नि नि सा सा सा रे ग म नि ग रे ।
तयँ ह ठाढे रहे नरवा - तीर म
मैं लुका गयँ तुरते जा के भीड म ।
तोला देखेवँ तव मैं तिरिया गयँ
सच्ची कहवँ तव मैं थथमरा गयँ ।
तोला कइसे भुलाववँ बइहा
मोला सुरता आवत हे तोर
प्रान - परबस म हावय मोर ।
बैरी थोरकन तो मोला अगोर
मोला सुरता आवत हे तोर ।
प प ध ध ध रे रे ग म रे रे
नि नि सा सा सा रे ग म नि ग रे ।
kavyitri ķe sabo Geet sugghar aur prerak havay. Kaushik Ganesh
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