संन्यासी हर गद्दी पाइस भारत के तकदीर सँवरही
सबो निहारत हें भारत ल भारत फेर विश्व - गुरु बनही ।
घर - घर दार - भात अब चुरही मोर गौरी जाही स्कूल
मंगल ल हमुँ अमर डारेन भारत फेर विश्व गुरु बनही ।
नोनी के सब्बो प्रतिभा के सबो लाभ ल लेवय समाज
तभे तो हिंदुस्तान निखरही भारत फेर विश्व गुरु बनही ।
देश के सीमा रहय सुरक्षित महतारी के मान बढय
ए दुनियॉ मोरेच कुटुम्ब ए भारत फेर विश्व गुरु बनही ।
देश विदेश घुमे बर जाबो रुपिया म सबो चुकाबो दाम
जग चौंरा जुगजुग ले बरही भारत फेर विश्व गुरु बनही ।
सबो निहारत हें भारत ल भारत फेर विश्व - गुरु बनही ।
घर - घर दार - भात अब चुरही मोर गौरी जाही स्कूल
मंगल ल हमुँ अमर डारेन भारत फेर विश्व गुरु बनही ।
नोनी के सब्बो प्रतिभा के सबो लाभ ल लेवय समाज
तभे तो हिंदुस्तान निखरही भारत फेर विश्व गुरु बनही ।
देश के सीमा रहय सुरक्षित महतारी के मान बढय
ए दुनियॉ मोरेच कुटुम्ब ए भारत फेर विश्व गुरु बनही ।
देश विदेश घुमे बर जाबो रुपिया म सबो चुकाबो दाम
जग चौंरा जुगजुग ले बरही भारत फेर विश्व गुरु बनही ।
Bharat ulta-suĺta ĺikhe se VishvaGuru nai ban sakay, tabhe VjshvaGuru banahi jab Sansķrit Vangmay m bhare bhandar-GyanVigyan au Darshan ke prachar Duniya bhar m hohi. Kaushik Ganesh
ReplyDeleteMadam!Apane parichay se yah vakya jald se jaĺd hatayen ki apaķo Badminton aur table-tennis ķheĺana achchha ĺagata hai kyonki yah bat bahut purani ho gayi hai. Kaushik Ganesh
ReplyDelete