Saturday 1 November 2014

पबरित लागय हिन्दुस्तान

जइसे  तोर  घर  हर  सफ्फा  हे
वोइसने हो जाए  हिन्दुस्तान ।

गली -  खोर  ल  सबो  बहारव
गोहरावत     हे    हिन्दुस्तान ।

हर   नदिया  ल   गंगा  मानव
इंकर  सफाई  म  दव  ध्यान ।

जल - देवता के पॉव ल पर लव
झन डारव थोरको फूल - पान ।

पन्ना कस चमकय मोर भारत
पबरित   लागय   हिन्दुस्तान ।

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