Tuesday 9 December 2014

तोर नैन के बलिहारी हे

कोनों  मेर  रहौं  दौंड  के आथे  तोर  नैन के बलिहारी हे
छोंडय  नहीं अकेल्ला  मोला तोर नैन  के बलिहारी हे ।

मोर जिनगी ल वोही चलाथे मैं ह ओकर मन के चलथौं
का  पहिरौं  वो  ही समझाथे  तोर नैन के  बलिहारी हे ।

जाना  कहॉ  हे का करना हे तोर नैना हर निरनय लेथे
का  बोलवँ  मैं  वोही  बताथे  तोर नैन के  बलिहारी हे ।

कहूँ अकेल्ला नइ जाना हे सम्हर-पखर के तैं झन जा
घेरी - बेरी  मोला खिसियाथे तोर नैन के बलिहारी हे ।

वोकर बरजना मोला सुहाथे बिकट नीक लागथे मोला
तैं  हस  संग म अइसे लागथे तोर नैन के बलिहारी हे ।

2 comments:

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  2. गजब नीक लागिस-- तोर नैन के बलिहारी हे--
    कहूँ अकेल्ला नइ जाना हे सम्हर-पखर के, वोकर बरजना मोला सुहाथे बिकट....
    लेखिका ला सादर परनाम |

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