नाव कमाए के चक्कर म छोटे झन बन
आत्मा ल दुख झन दे तोला महँगा परही ।
पढ - लिख के दाई-ददा के आघू झन इतरा
देखबे तोरेच लइका हर तोला अडहा कइही ।
ईर्खा - दोख बर समय कहॉ हे बाबू मोर
प्रेम म बूड के देख जिन्दगी तोर सँवरही ।
दाई - ददा बर कभु दुश्मनी झन करबे
मया बॉट के देख जिन्दगी तोर भभरही ।
नाच ले गा ले आज काल फेर का होही
दिन बादर म काल काल ह तोला अमरही ।
आत्मा ल दुख झन दे तोला महँगा परही ।
पढ - लिख के दाई-ददा के आघू झन इतरा
देखबे तोरेच लइका हर तोला अडहा कइही ।
ईर्खा - दोख बर समय कहॉ हे बाबू मोर
प्रेम म बूड के देख जिन्दगी तोर सँवरही ।
दाई - ददा बर कभु दुश्मनी झन करबे
मया बॉट के देख जिन्दगी तोर भभरही ।
नाच ले गा ले आज काल फेर का होही
दिन बादर म काल काल ह तोला अमरही ।
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