बादर - पानी के दिन आ गे अब तो पानी पूरा आही
बोरे - बासी के दिन बीतिस दार - भात हर अब भाही ।
फरा अँगाकर - रोटी चीला चटनी सँग सब खावत हें
खेत - खार हर कजरी ठुमरी सुवा - ददरिया अब गाही ।
अँगना गली खोर म चिखला नोनी खेलय कोन मेरन
सम्हर- पखर के बादर राजा सब्बो झन नाच नचाही ।
पानी के झिपार के सँग म गेंगरुआ आ गे परछी म
भौजी निच्चट छिनमिनही हे ननंद वोला अब डेरवाही ।
चिक्कन होगे सबके एडी 'शकुन' सबो भभरत हावयँ
चौमास म सबके कोठी भरही सबो गॉव ह खुशी मनाही ।
बोरे - बासी के दिन बीतिस दार - भात हर अब भाही ।
फरा अँगाकर - रोटी चीला चटनी सँग सब खावत हें
खेत - खार हर कजरी ठुमरी सुवा - ददरिया अब गाही ।
अँगना गली खोर म चिखला नोनी खेलय कोन मेरन
सम्हर- पखर के बादर राजा सब्बो झन नाच नचाही ।
पानी के झिपार के सँग म गेंगरुआ आ गे परछी म
भौजी निच्चट छिनमिनही हे ननंद वोला अब डेरवाही ।
चिक्कन होगे सबके एडी 'शकुन' सबो भभरत हावयँ
चौमास म सबके कोठी भरही सबो गॉव ह खुशी मनाही ।
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