महतारी के मान बढाबो दुनियॉ भर म नाव कमाबो
दाई के अँचरा मम्हाही तभे चतुर सुजान कहाबो ॥
ताना - नाना कर डारे हन अब सपूत हमला बनना हे ।
मेहनत ले आगे बढना हे तभे चतुर सुजान कहाबो ॥
चूल्हा बरय रोज सब घर म दार - भात सब झन खावैं
सब्बो लइका स्कूल जाहीं तभे चतुर सुजान कहाबो॥
भाई-बहिनी सब जुर मिल के देश-धर्म बर बुता करव
दाई के अँचरा झन मैलावै तभे चतुर सुजान कहाबो॥
'शकुन' चलौ सब्बो सँगे- सँग भारत मॉ के मान बढाबो
महतारी जब भोजली गाही तभे चतुर सुजान कहाबो ॥
दाई के अँचरा मम्हाही तभे चतुर सुजान कहाबो ॥
ताना - नाना कर डारे हन अब सपूत हमला बनना हे ।
मेहनत ले आगे बढना हे तभे चतुर सुजान कहाबो ॥
चूल्हा बरय रोज सब घर म दार - भात सब झन खावैं
सब्बो लइका स्कूल जाहीं तभे चतुर सुजान कहाबो॥
भाई-बहिनी सब जुर मिल के देश-धर्म बर बुता करव
दाई के अँचरा झन मैलावै तभे चतुर सुजान कहाबो॥
'शकुन' चलौ सब्बो सँगे- सँग भारत मॉ के मान बढाबो
महतारी जब भोजली गाही तभे चतुर सुजान कहाबो ॥
बेहद उम्दा और बेहतरीन...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ