Monday, 24 March 2014

भैया लेहे आवत होही

तीजा - पोरा के  दिन आ  गे  भैया  लेहे  आवत  होही ।
भादो महिना अब्बड सुघ्घर  भैया  लेहे  आवत  होही ।

राखी  बर  नइ आए पाइस  काम-बुता  के  मारे  देख ।
आज  गोड  खजुवावत  हावै  भैया  लेहे  आवत  होही ।

सब सँगवारी आगिन होहीं 'शकुन' सिरिफ बॉहचे हावै। 
दायी  मोला  अगोरत  होही  भैया  लेहे  आवत   होही ।

भॉठा म  सब  नून  खेलबो तला म तौंरबो मन भर के ।
मइके  के  सुख  ल  महूँ बौरिहौं भैया लेहे आवत होही ।

'शकुन' अगोरत होही भौजी  मया  पलपलावत  होही ।
ठेठरी - खुर्मी  बन  गए  होही  भैया  लेहे आवत  होही ।

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