Tuesday 3 March 2015

एकतीस

                      ददरिया

सोलह बछर के उमर हावय तोर 
तोरे डहर लगे रहिथे मन हरहा मोर 
चिरई करय चोचला फेंकत हावय फोकला
फुडहर - डहर ।
फुडहर डहर फूँगी फेंकत हावय फोकला
फुडहर - डहर ।

आनी - बानी के सिंगार करय न 
घेरी - बेरी बेनी गॉथय वोमा गोंदा फूल खोंचय 
पिचकाट बिकट करय तोला का बतावँव ।
चिरई करय चोचला फेंकत हावय फोकला 
फुडहर - डहर । 
फुडहर डहर भैया फेंकत हावय फोकला 
फुडहर - डहर ।

मेला - मडई म किदरत हावै न ! 
रेंहचुली म झूलय उखरा लाडू ल खावय 
मोला ठेंगा देखावय मोर मन मोह लिस रे ।
चिरई करय चोचला फेंकत हावय फोकला
 फुडहर डहर ।
फुडहर डहर संगी फेंकत हावय फोकला 
फुडहर - डहर 

            बत्तीस 
         पंथी 
सतनाम सार ए अमृत के धार ए 

  तोर दूनों पॉव परवँ मोर गुरु ग 
गुरु तहीं तो सिखोए हावस सत - नाम ग ।
तहीं समझाए हस तहीं समझाए हस 
तहीं समझाए हावस सत - नाम ग 
गुरु तहीं ह सिखोए हावस सत - नाम ग ।

सरी दुनियॉ ह हमरेच तो कुटुम ए हमरे कुटुम ए 
सुखे सुख ल पाहौं कइबे मन के भरम ए मन के भरम ए ।
मन के भरम ए मन के भरम ए 
मन के दिया तहीं ह बारे हावस ग 
दुनियॉ ल तहीं उजियारे हावस ग 
गुरु तहीं ह सिखोए हावस सत - नाम ग ।

पर - उपकार के तैं महिमा बताए ग महिमा बताए 
सबके सुख म अपन सुख हे तहीं समझाए ग तहीं समझाए ।
तहीं समझाए ग तहीं समझाए 
सत के डहर गुरु तहीं ह रेंगाए ग तहीं ह रेंगाए 
गुरु तहीं ह सिखोए हावस सत - नाम ग ।

            तैंतीस 
           पंथी 
कइसे तोर मया के बखान करौं ग 
पंथी गावत हावौं जोडी मोर तोरेच खातिर 
मुस्कियावत हावौं संगी मोर तोरेच खातिर ।

तोरे खातिर मैं ह जोही सेंदुर ल लगाए हौं सेंदुर लगाए हौं 
चेथी म तोरेच नाव के गोदना गोदाए हौं गोदना गोदाए हौं ।
गोदना गोदाए हौं गोदना गोदाए हौं 
डबडबाए हावौं संगी मोर तोरेच खातिर 
थथमराए हावौं बैरी मोर तोरेच खातिर ।
पंथी गावत हावौं जोडी मोर तोरेच खातिर ।

तोरेच खातिर महादेव म जल मैं चढाए हौं जल मैं चढाए हौं 
शीतला दायी मेर जा के जस - गीत गाए हौं जस गीत गाए हौं ।
जस - गीत गाए हौं जस - गीत गाए हौं 
निरजला हावौं संगी मोर तोरेच खातिर ।
कइसे तोर मया के बखान करौं ग 
पंथी गावत हावौं संगी मोर तोरेच खातिर 
जिनगी जियत हावौं संगी मोर तोरेच खातिर ।

          चौंतीस 
        भरथरी 
सत नेम के गली म रेंगे बर तैं ह घर ल तजे राजा भरथरी 
तैं ह घर ल तजे तैं ह घर ल तजे राजा भरथरी SSSSSSSSSSSSSS 

तैं ह साधू मेर गय 
वो ह फर तोला दिस 
रानी ल तैं देहे 
मन माढिस हे मन माढिस हे राजा भरथरी SSSSSSSSSSSSSSS

तहॉ रानी ह जी कोटवारे ल जा के परुस दिस हे जी 
कोटवारे ह फेर नचकारिन ल 
नचकारिन ह फर ल फेर राजा ल 
दरबारे म दरबारे म लान के दे दिस हे जीSSSSSSSSSSSSSSSSS

बक़ खा गे राजा ह सोंचत हे एदे का होगे जी 
मोह - माया तजिस 
कमण्डल ल धरिस 
हो गे बैरागी बन गे बैरागी राजा भरथरी SSSSSSSSSSSSSSSSSS

                   पैंतीस 
                 भरथरी 

ए दे नोनी पिला के जनम ल धरे तोर धन भाग ओ मोर नोनीSSSSSS
तैं ह बेटी अस मोर तैं ह बहिनी अस मोर संगवारी अस मोर 
महतारी अस महतारी अस मोर नोनीSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSS

लइका ल कोख म ओही धरथे भले ही पर धन ए  मोर नोनीSSSSSSS
सब ल मया दीही भले पीरा सइही भले रोही गाही 
ओही डेहरी म ओही डेहरी म मोर नोनीSSSSSSSSSSSSSSSSSSSS

पारस पथरा ए जस ल बढाथे मइके के ससुरे के मोर नोनीSSSSSSSS
वोला झन हीनौ ग वोला झन मारव ग थोरिक सुन लेवव ग 
गोहरावत हे गोहरावत हे मोर नोनीSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSS

                     छत्तीस 
                   मँडवा गीत 
हरियर मँडवा म सात महतारी मन घेरी - बेरी दिहिन हें असीस 
के सबो झन देवत हें असीसे महादेव सबो झन देवत हें असीसे ।

कइना बडभागी ल सबो सँहरावयँ के जीयय वो हर लाख बरीसे 
के जीयय वो हर लाख बरीसे महादेव जीयय वो हर लाख बरीसे।

मऊहा पान के मँडवा आमा पान के तोरन आमा पान के तोरन
के सुघ्घर सजे हे अ‍ॅगना महादेव सुघ्घर सजे हे अ‍ॅगनाSSSSS

कइना ल धर के सुआसीन हर आइस हे  सुआसीन हर आइस 
के सुमिरत हे गौरी - गनेश महादेव सुमिरत हे गौरी - गनेश ।

बंश - बढाए बर बिहाव हर होथे  बिहाव  के  हे भारी - महिमा 
के बॉस - पूजा होही पहिली महादेव बॉस - पूजा होही पहिली ।

माटी  के महिमा ल सबो जानत हावयँ  सबो  जानत  हॉवयँ
के चूल माटी खने बर जाबो महादेव चूल माटी खने ब जाबो ।

मँडवा के दस - ठन  दिशा के पूजा होही दिशा के पूजा होही 
के सबके असीस मिल जाय महादेव सबके  असीस पा जाय ।

मँडवा के लाज ल तुँहीं - मन राखिहव  तुँहीं - मन राखिहव
के जनम - सफल होइ जाय महादेव जनम सफल होइ जाय ।

                  सैंतीस 
              सधौरी 

महादेव के किरपा ले कुल - कँवल फूलही 
के मोरो घर आही संतान हो ललना मोरो घर आही सन्तान ।  

नोनी होवय चाहे बाबू आवय करिहँव दुनों के सुआगत 
के किलकारी गूँजै अ‍ॅगना हो ललना किलकारी गूँजै अ‍ॅगना ।

सबो सौंख पूरा करिहौं अपन बहू के मैं अपन बहू के 
के बंस -  बाढत हे ललना हो ललना बंस -  बाढत हे ललना ।

सुख म बूडे हे घर रस्ता देखत हन ओ रस्ता देखत हन 
के बॉधत हावँव - झूलना हो ललना बॉधत हावँव - झूलना ।

ओकर - बबा  हर  फेर  घोडा -  बनही के घोडा -  बनही
के महूँ करिहौं ओकर दुलार हो ललना करिहौं ओकर मैं दुलार । 

महावीर म रोट अऊ नरियर चढाहौं के नरियर चढाहौं 
के रक्षा करय भगवान हो ललना वोला पोंसय पालय भगवान ।

              अडतीस 
            सोहर

जनम लिहिन भगवान हो ललना मोर घर आ के 
जनम लिहिन प्रभु राम हो ललना मोर घर आ के ।

 सॉवर - सॉवर ओकर देह - पान हावय 
नयना हावय अभिराम हो ललना मोर घर आ के ।
जनम लिहिन भगवान हो ललना मोर घर आ के ।

भाग जागिस हावय आज मोर घर के 
धाम अवध हो गे आज हो ललना मोर घर आ के ।
जनम लिहिन भगवान हो ललना मोर घर आ के ।

चँदा उतरिस हावय आज मोरे अ‍ॅगना 
मन होगे अब निष्काम हो ललना मोर घर आ के ।
जनम लिहिन भगवान हो ललना मोर घर आ के ।

              उनचालिस 
             सोहर 

लछमी धरिस हावय पॉव मोरे अ‍ॅगना 
गाहौं मैं तो सोहर आज  मोरे ललना ।

मुटुर - मुटुर देखत हावय मोर नोनी
शुभदा आए हावय कर दिस बोहनी ।
टोर दिहिस हावय मोर सबो बँधना 
गाहौं मैं तो सोहर आज मोरे ललना ।

थोरिक बाढही तहॉ ले चोनहा करही
नोनी ह मोर अ‍ॅगठी - धर के  रेंगही ।
कोरा म तोला  झूलाहौं  मयँ पलना 
गाहौं मैं तो सोहर आज मोरे ललना । 

मोर सबो - सपना एही पूरा करही 
मोर घर म एही ह दियना ल बारही ।
कुलकत  हावय आज मोर अ‍ॅगना
गाहौं मैं तो सोहर आज मोर ललना ।

            चालीस 
        सोन चिरैया बनाबो

सोन - चिरैया बनाबो भारत ल सोन - चिरैया बनाबो 
परदेसी हाट ल भगाबो भारत ल सोन चिरैया बनाबो ।

खेती किसानी ल पहिली बचाबो 
नइ  डारन जहरीला  - खातू गोबर - खातू  ल  डारबो ।
सोन -चिरैया बनाबो भारत ल सोन - चिरैया बनाबो ।

गौ - माता के बने सेवा ल करबो 
गोरस के तस्मै खाबो भारत ल सोन- चिरैया बनाबो । 
सोन - चिरैया बनानो भारत ल सोन- चिरैया बनाबो ।

आसन ल करबो प्राणायाम करबो
तन मन स्वस्थ बनाबो भारत ल सोन चिरैया बनाबो ।
सोन -  चिरैया बनाबो भारत ल सोन - चिरैया बनाबो ।

स्विस बैंक के पैसा ल लहुटा के लानबो 
जूना  प्रतिष्ठा ल पाबो भारत ल सोन - चिरैया बनाबो ।
सोन - चिरैया बनाबो भारत ल सोन - चिरैया बनाबो ।

             

2 comments:

  1. कुछ नया पढ़ने मिला. कोशिश कि कुछ समझ भी आया. अच्छा लगा

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  2. समय के साथ संवाद करती आपकी प्रस्तुति काफी रोचक लगी। मेरे नए पोस्ट पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है।सुप्रभात मित्र।

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