Wednesday 21 August 2013

भोजली


देवी गँगा देवी गँगा लहर तुरंगा हो लहर तुरंगा हमरो देवी भोजली के भींजै आठो अँगा अहो देवी गँगा ।
गौरी गणपति के प्रथम होही पूजा प्रथम होही पूजा गौरी गणपति सही कहूँ नइए दूजा अहो देवी गँगा ।

हाथी के मुँहरन हे मुसुआ सवारी हो मुसुआ सवारी बलबुध दिही प्रभु जी महिमा हे भारी अहो देवी गँगा
देवी गँगा देवी गँगा लहर तुरंगा हो लहर तुरंगा हमरो देवी भोजली के भींजै आठो अँगा अहो देवी गँगा ।

दाई ददा के सेवा करिन पाईन मेवा हो पाईन हें मेवा सबो झन करव अपन पितर के सेवा अहो देवी गँगा ।
देवी गँगा देवी गँगा लहर तुरंगा हो लहर तुरंगा हमरो देवी भोजली के भींजै आठो अँगा अहो देवी गँगा
अहो देवी गँगा ।

शकुन्तला शर्मा, भिलाई [छ ग ]

2 comments:

  1. हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} के शुभारंभ पर आप को आमंत्रित किया जाता है। कृपया पधारें!!! आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा |

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