कजरी
रंगबे लाली - रंग मोर लुगरा बरेठिन
किनारी म हरियर लगाबे - बरेठिन ।
सब्बो - संगवारी - संग तौरे बर - जाबो
भींजे ले छूटय झन रंग हर बरेठिन ।
झूलना म झूलबो अउ कजरी ल गाबो
कजरी के धुन बिकट मीठ हे बरेठिन ।
सावन- मन भावन के महिमा हे भारी
मइके के भुइयॉ नीक लागय बरेठिन ।
ऑछी म गाढा - पिंवरा - रंग चढाबे
उमर - भर रंग ह झन छूटय बरेठिन ।
Very nice post ...
ReplyDeleteWelcome to my blog on my new post.
आनंद दायक
ReplyDeleteधन्यवाद देवेन्द्र ! तुम गुरमटिया में आए तुम्हारा स्वागत है ।
Deleteबहुत सुंदर
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