केरा - आलू साग ल समधी कइसन खावत हावव जी
समधिन कभु खवाए नइये तइसन खावत हावव जी l
हंड़िया भर - भर खावत हावय कइसन ररहा हावय जी
गारी सुनत - सुनत खावत हे कइसन निर्लज हावय जी l
लाई - बरी ल देखे नइ अव तइसन खावत हावव जी
भागत नइ ए लाई - बरी ह धीर लगा के खावव जी l
गुर के पपची बहुत मिठावत हावय तुंहला समधी जी
झउहा - झउहा खा के हांसत भागत हावय समधी जी l
लडुआ अबड़ मिठावत हावय कोटना भर झन खावव जी
चपर- चपर मुँह बाजत हावय अंचो लेवव अब जावव जी l
शकुन्तला शर्मा , भिलाई [छ ग ]
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