Saturday, 31 May 2014

बचपन

कतको  सुरता  कर  ले  तैं  हर
बचपन  कहॉ  लहुट  के  आथे ?

कच्चा अमली कतेक मिठावय 
आज कहॉ अब  थोरको  भाथे ? 

छोट- कन बात म कतका हॉसन 
आज   कहॉ   कोनो   मुस्काथे ?

दही -  डार   के   बासी   खावन
आज  कहॉ  कोनो बासी खाथे ?

पढ-लिख डारे गज़ब आज हम 
कहॉ  गॉव   के  सुरता  आथे ?

भुँइयॉ म हमर गोड नइ माढय
गॉव  के  पीरा  कहॉ  जनाथे ?

Thursday, 29 May 2014

मोर गॉव के माटी मम्हावत हे

गॉव  के  माटी  मम्हावत हे 
गॉव  तोला  गोहरावत  हे ।

काय  धरे  हे  तुँहर  शहर  म
बेंदरा कस तोला नचावत हे।

जेला तैं हर अपन समझथस
वोही  हर तोला बखानत हे ।

अइसे  हावय  तुँहर  परोसी 
पीठ  -  पीछू   गुर्रावत  हे ।

आ  जावौ  रस्ता  देखत  हौं
तरपौंरी  हर खजुवावत  हे ।

औने - पौने  दाम  म  ओदे 
सब्बो - धान  बेचावत  हे ।