बोइर चाखत है शबरी आए राम -जी आजहु आंगन में
खट्टे फेंकत मीठे खवावत है भई बावरी आनन फ़ानन में।
जूठे बेर न भाए हैं लक्ष्मण को छोड़े प्रेम पगे बेर कानन में
शक्तिबाण के बेरहि बेर वही बन संजीवनी गयो आनन में।
खट्टे फेंकत मीठे खवावत है भई बावरी आनन फ़ानन में।
जूठे बेर न भाए हैं लक्ष्मण को छोड़े प्रेम पगे बेर कानन में
शक्तिबाण के बेरहि बेर वही बन संजीवनी गयो आनन में।
सुंदर प्रसंग का उत्तम शब्द-चित्र........वाह !!!!
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