Wednesday 14 January 2015

                         एकतीस

                         ददरिया

सोला -  बछर  के  उमर  हावय  तोर 
तोरे डहर लगे रहिथे मन हरहा  मोर ।

चिरई करय चोचला फेंकत हावय फोकला
फुडहर -  डहर ।
फुडहर डहर फूँगी फेंकत हावय फोकला
फुडहर - डहर ।

आनी - बानी के सिंगार करय न
घेरी - बेरी बेनी गॉथय गोंदा - फूल खोंचय
पिचकाट अब्बड करय तेला का बताववँ ?
चिरई करय चोचला फेंकत हावय फोकला
फुडहर - डहर ।
फुडहर - डहर भैया फेंकत हावय फोकला
फ़ुडहर - डहर ।

मेला - मडई म ओ दे किंदरत हे न
रेंहचुली म झूलत हे उखरा - लाडू बिसावत हे
मोला ठेंगा देखावत मोर मन मोह लिस न ।
चिरई करय चोचला फेंकत हावै फोकला
फुडहर - डहर ।
फुडहर - डहर फूँगी फेंकत हावय फोकला
फुडहर - डहर ।


             बत्तीस

              पंथी

कइसे तोर मया के बखान करवँ ग 
पंथी गावत हाववँ संगी मोर तोरेच खातिर 
मुसकियावत हाववँ संगी मोर तोरेच खातिर ।

तोरेच खातिर मैं हर जोही तिकुली चटकाए हवँ 
तोरेच नाव के हाथ म मयँ गोदना गोदाए हवँ ।

डबडबाए  हाववँ  संगी -  मोर  तोरेच  खातिर
थथमराए  हाववँ  बैरी  मोर  तोरेच -  खातिर ।  

तोरेच -खातिर महादेव म जल मैं चढावत हवँ
सीतला दायी मेर जाके जस -गीत गावत हवँ ।

निरजला -  हाववँ  जोही  मोर  तोरेच  खातिर
दिया - बारे  हाववँ  संगी  मोर  तोरेच खातिर ।


                    तैंतीस

                    पंथी

सतनाम सार ए अमृत के धार ए 
बरने नइ जाय गुरु तोर गुन ग 
गुरु तहीं ह सिखोए हस सतनाम ग ।

करम के महिमा ल तहीं ह बताए हस 
जइसे करनी तइसे भरनी तहीं समझाए हस 
गुरु तहीं ह सिखोए हस मया - मंत्र ग 
गुरु तहीं ह अँजोरे हावस मया - दिया म ।

सरी दुनियॉ ह हमरेच तो कुटुम ए 
हमरे कुटुम ए हमरे कुटुम ए ।
सुखे - सुख ल पाहवँ कइबे मन के भरम ए 
मन के भरम ए मन के भरम ए ।
गुरु तहीं ह देखाए हावस सुख - गली ग ।

पर - उपकार के तैं महिमा बताए ग महिमा बताए 
सब के सुख म अपन सुख हे तहीं समझाए ग ।
तहीं समझाए ग तहीं समझाए  
धीरे - बानी रेंगव धरे रहव सत के डहर 
गुरु तहीं ह देखाए हावस सत के डहर ।


               चौंतीस

               भरथरी

सत - नेम के गली म रेंगे बर 
तयँ ह घर ल तजे तयँ ह जोगी बने राजा भरथरी ।

तैं ह साधू मेर गय
साधू फर ल दिहिस
रानी ल फर देहे
मन - माडिस हे  मन - माडिस हे राजा - भरथरी ।

रानी ह वोही फर ल कोटवार ल जाके दे दिस हे जी
वोही फर नर्तकी ल मिलिस
अऊ नर्तकी ह वोही फर ल राजा मेर
दरबारे म दरबारे म लान के दे दिस हे जी ।

बक खा गे राजा ह सोंचत हे ए दे का हो गे जी ।
मोह - माया तजिस  ओ दे घर ल तजिस कमंडल ल धरिस
हो गे बैरागी बन गे बैरागी राजा भरथरीSSSSSSSS ।


                   पैंतिस

                 भरथरी

ए दे नोनी पिला के जनम ल धरे तोर धन भाग ए ओ
मोर नोनीSSSSSSSSSSSSSSSSS
तैं ह बेटी अस मोर तैं ह बहिनी अस मोर संगवारी अस मोर 
महतारी अस महतारी अस मोर नोनीSSSSSSSSSSSSS

लइका - ल  कोख  म ओही  धरथे  भले  ही पर धन ए
मोर नोनीSSSSSSSSSSSSSSSSSS
सब ल मया दीही भले पीरा - सइही भले  रोही - गाही
ओही डेहरी म ओही डेहरी म -  मोर नोनीSSSSSSSS

पारस - पथरा  ए  जस  ल  बढाथे  मइके  के ससुरे के
मोर नोनीSSSSSSSSSSSSSSSSSS
ओला झन हीनव ग ओला झन मारव ग
 थोरिक सुन लेवव ग गोहरावत हे गोहरावत हे मोर नोनीSSS


                     छत्तीस

              मँडवा - गीत 

हरियर - मँडवा म सातो - दायी आइन 
के सबो झन दिहिन हें असीस ओ गौरी
सबो - झन दिहिन हें - असीसे ...........।

कइना  बड - भागी  ल सब्बो सँहरावत हें
के  जीयय  वो  लाख -  बरीसे ............ ।

मउहा पान के मँडवा अऊ आमा के तोरन
ले  सुघ्घर - दिखत  हे अँगना .............।

कइना  ल  धर  के  सुआसीन - आइन 
के सुमिरत हे गौरी - गनेशे ................।

बंस -  बढाए -  बर -  बिहाव  ह  होथे
के बॉस - पूजा होही आघू ..................।

माटी के महिमा ल सब्बो झन जानव 
के चूल - माटी खने बर जावव ...........।

मँडवा  म  दसों - दिशा  के  महात्तम
के शुभ - शुभ होय सब काज.............।

मँडवा के लाज ल तुहीं मन राखिहव
के जनम सफल होइ जाय ओ गौरी 
जनम सफल होइ जाय...................।


              सैंतीस

           सोहर

लछमी धरिस हावय पॉव मोरे अँगना 
गाहवँ मैं तो सोहर आज मोरे ललना ।

मुटुर - मुटुर देखत हावय मोर नोनी 
शुभदा आए हावय कर दिस- बोहनी ।
टोर दिहिस हावय मोर सब्बो बँधना
गाहवँ मैं तो सोहर आज मोरे ललना ।

बडे  होही तहॉ वोहर चोनहा - करही
नोनी ह मोर अँगठी - धर  के  रेंगही ।
कोरा म तोला झुलाहवँ  मयँ  पलना
गाहवँ मैं तो सोहर आज मोर अँगना ।

मोर  सपना  ल  ए  नोनी  पूरा करही
पढ लिख के देश के नाव उजियारही ।
नाचत गावत हावै आज मोर अँगना
गाहवँ मैं तो सोहर आज मोरे ललना ।


             अडतीस

              सोहर 

जनम लिहिन प्रभु राम हो ललना मोर घर आ के 
गावव सबो - मंगल - चार हो ललना मोर घर आ के ।
जनम लिहिन प्रभु राम 

सॉवर - सॉवर  राम  जी  के  देह  - पान  दिखत  हे 
नयना दिखत हे अभिराम हो ललना मोर घर आ के ।
जनम लिहिन प्रभु राम 

भिनसरहा - होइस  ए दे  मोर -  भाग - जागिस  हे
अवध - बनिस  मोर  धाम हो ललना मोर घर आ के ।
जनम लिहिन प्रभु राम

जग  -  मग  ले  चँदा  मोर -  अँगना  म  आगिस हे
मन  ह  होगिस  वृन्दावन  हो ललना मोर घर आ के ।
जनम लिहिन प्रभु राम 


                   उनचालिस

                     सधौरी

गौरी के दया - मया कुल - कँवल फूलही 
के  मोरो घर आही संतान हो ललना मोरो घर आही - संतान ।

नोनी होय बाबू होय दुनों के सुवागत 
के किलकारी गूँजय अँगना हो ललना मोरो घर आही संतान ।

सब्बो सौंख पुरोहवँ मैं अपन बहू के 
घर  म आवत  हे  ललना  हो  ललना घर म आवत हे ललना ।

सुख म बूडे घर ह रस्ता देखत हे के
बॉधत  - हाववँ - झूलना  हो  ललना  बॉधत - हाववँ  झूलना ।

महावीर म रोट अऊ नरियर चढाहवँ के 
सुआसीन  बाती  बर  ना  हो  ललना  सुआसीन  बाती बर ना ।

बबा वोकर घोडा बनही मैं हर दुलारिहौं के
अइसे सुख के का कहना हो ललना अइसे  सुख के का कहना ।


                     चालीस 

          सोन - चिरैया 

सोन - चिरैया  बनाबो  भारत  ल  सोन - चिरैया बनाबो ।
परदेशी - हाट ल भगाबो भारत ल सोन - चिरैया बनाबो ।

खेती - किसानी ल पहिली बचाबो 
नइ  -  डारन  जहरीला - खातू  गोबर - खातू  ल  डारबो ।
सोन - चिरैया बनाबो भारत ल 

गौ - माता के बने सेवा ल करबो 
गो - रस के तस्मै खाबो भारत ल सोन - चिरैया बनाबो ।
सोन - चिरैया बनाबो भारत ल 

देशीच ल खाबो देशी पहिरबो 
पूँजी  ल अपन  बढाबो  भारत  ल सोन - चिरैया बनाबो ।
सोन चिरैया बनाबो भारत ल 

आसन ल करबो प्राणायाम करबो
तन मन ल स्वस्थ बनाबो भारत ल सोन चिरैया बनाबो ।
सोन - चिरैया बनाबो भारत ल 

स्विस - बैंक के पैसा ल लहुटा के लानबो 
जूना - प्रतिष्ठा  ल  पाबो  भारत ल सोन - चिरैया बनाबो ।
सोन -  चिरैया  बनाबो  भारत  ल सोन - चिरैया  बनाबो ।


        
    



    

  




               


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