Friday 9 January 2015

भारत फेर विश्व - गुरु बनही

संन्यासी  हर  गद्दी  पाइस  भारत  के  तकदीर  सँवरही
सबो निहारत हें भारत ल भारत फेर  विश्व - गुरु  बनही ।

घर - घर दार -  भात अब चुरही मोर गौरी जाही स्कूल
मंगल ल  हमुँ अमर डारेन भारत फेर विश्व  गुरु  बनही ।

नोनी के सब्बो प्रतिभा के सबो लाभ ल लेवय समाज
तभे तो हिंदुस्तान निखरही भारत फेर विश्व गुरु बनही ।

देश   के सीमा  रहय  सुरक्षित महतारी के मान बढय
ए  दुनियॉ मोरेच कुटुम्ब ए भारत फेर विश्व गुरु बनही ।

देश विदेश घुमे बर जाबो रुपिया म सबो चुकाबो दाम
जग चौंरा जुगजुग ले बरही भारत फेर विश्व गुरु बनही ।
  

2 comments:

  1. Bharat ulta-suĺta ĺikhe se VishvaGuru nai ban sakay, tabhe VjshvaGuru banahi jab Sansķrit Vangmay m bhare bhandar-GyanVigyan au Darshan ke prachar Duniya bhar m hohi. Kaushik Ganesh

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  2. Madam!Apane parichay se yah vakya jald se jaĺd hatayen ki apaķo Badminton aur table-tennis ķheĺana achchha ĺagata hai kyonki yah bat bahut purani ho gayi hai. Kaushik Ganesh

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