Friday 27 September 2013

छत्तीसगढ

देश की आजादी हेतु प्राणों की आहुति दे दी वीर नारायण की तरुणाई को नमन है
जाति पाति ऊँच नीच भेद भाव को मिटाया छत्तीसगढ़ के गाँधी सुंदर भाई को नमन है .

रामजी को जूठे बेर प्रेम से खिलाया जिसने छत्तीसगढ़ की बेटी शबरी माई को नमन है
छत्तीसगढ़ की संस्कृति को दुनियाँ में बगराने वाले देवदास नेल्सन तीजन बाई को नमन है।

शकुन्तला शर्मा
भिलाई[[ छ ग ]


शबरी

बोइर चाखत है   शबरी आए राम -जी आजहु   आंगन   में
खट्टे फेंकत मीठे खवावत है भई बावरी आनन फ़ानन में।
जूठे बेर न भाए हैं लक्ष्मण को छोड़े प्रेम पगे बेर कानन में
शक्तिबाण के बेरहि बेर वही बन संजीवनी गयो आनन में।

Monday 2 September 2013

भादो

डोंगा म बैठ के भादो आगे झर झर झर गिरथे  पानी 
हरियर -  रंग  के लुगरा  पहिरे आवत हे जल के रानी।  

रद रद रद रद चूहैय  छान्ही  ओरवांती छर छर  बाजै
किसम किसम के फूलपान ले भादो घर अँगना साजै।

गोडा मन म पुटु जाम गे भुइयाँ हर  हो  गए  हे  धानी
हरियर - रंग  के लुगरा  पहिरे आवत हे जल  के रानी।

खेत दिखत हे हरियर हरियर मन माते हे पोरिस भर
बहुरा - गाय  के होथे पूजा कहूँ  झन तरसै गोरस बर।

हाँसत हावै नाना जी अउ मुस्कावत हावय मोर नानी
हरियर - हरियर लुगरा पहिरे आवत हे जल के रानी।

खमरछठ के पूजा होत हे सगरी खनाय हे अँगना  म
महतारी  मन कथा सुनत हें लइका झूलय पलना म।

तप  हर  बहुत  जरूरी  होथे कहिथें धीर - वीर  ज्ञानी
हरियर - हरियर लुगरा पहिरे आवत हे जल के रानी।

आठे - कन्हैया बगरावत हे कहत  कहानी जोगी  के
वोही जगद - गुरु प्रभु ल बंदौं जपौं नाव वो जोगी के।

वोही महानायक द्वापर के धीर - वीर  विभु- वरदानी
हरियर- हरियर लुगरा पहिरे आवत हे जल के रानी।

नोनी- मन आहीं तीजा म अगोरत हें महतारी- मन
नोनी के सुरता आथे तव मन होथे भारी - भारी तन।

नोनी के गोड़ ह खजुवावत हे दाई के आँखी म पानी
हरियर - हरियर लुगरा पहिरे आवत हे जल के रानी।

गणेश चौथ हर आ गे अब तो गजहिन होही गाँव हर
दस दिन ह हिरना हो जाही फेर सुन्ना होही गाँव हर।

रेङ्गव रेङ्गव जिनगी भर अतके समझ लेतिस प्रानी
हरियर - हरियर लुगरा  पहिरे आवत हे जल के रानी।

शकुन्तला शर्मा ,  भिलाई  [ छ  ग  ]