मनु के देश म देख ले तैं हर नोनी कौड़ी-कानी हो गे
काकर मेर गोहरावय कइसे नोनी कौड़ी कानी हो गे ।
डाक्टर इंजीनियर सब्बो के एकेच हाल हे कुंदरा म
भर-पेट दार-भात नई पावय नोनी कौड़ी कानी होगे ।
नेवरात म होवत हावय कइना-पूजा जगहा-जगहा
तभो ले नीयत नई सुधरे हे नोनी कौड़ी कानी हो गे ।
महतारी भौजी बहिनी बेटी सबके बिकट दुर्दशा हावै
कम्प्यूटर कस बौरावत हावै नोनी कौड़ी कानी होगे ।
' शकुन ' बचा नोनी के थरहा बंश-बढ़ाथे बेटी -माई
नोनी बिन अँगना सुन्ना हे नोनी कौड़ी कानी हो गे ।
शकुन्तला शर्मा, भिलाई [ छ. ग. ]